Bhopal In the MP assembly elections, the old Congressmen beat on 150 seats news :
भाजपा ने प्रदेश की 39 सीटों पर विधानसभा चुनाव के तीन महीने पहले उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं और कांग्रेस अभी प्रदेश की डेढ़ सौ सीटों पर जुलाहों में लट्ठम लट्ठा मुहावरे को चरितार्थ करते हुए उम्मीदवारों के चयन को लेकर नए अंतरविरोधों से जूझ रही है। जिसमें इन क्षेत्रों के 15-15 और 20-20 पुराने कांग्रेसी नेताओं ने सामूहिकता में आयातित और ऊपर से थोपे जाने वाले उम्मीदवारों का विरोध शुरू कर दिया है। तथा कांग्रेस आलाकमान के समक्ष टिकट के लिए सामूहिक दावेदारी कर कह रहे हैं कि पार्टी इनमें से जिस एक नेता को उम्मीदवार बनाएगी, बाकी नेता मतभेद भुलाकर पूरी ताकत से उसे जिताने के लिए काम करेंगे। हालांकि, इन अंतर्विरोधों को दरकिनार कर, कांग्रेस के रणनीतिकार जल्द सौ विधानसभा सीटों पर सर्वे के आधार प्रत्याशियों के नामों के ऐलान का दावा कर रहे हैं।
भाजपा ने प्रदेश की 39 सीटों पर विधानसभा चुनाव के तीन महीने पहले उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं और कांग्रेस अभी प्रदेश की डेढ़ सौ सीटों पर जुलाहों में लट्ठम लट्ठा मुहावरे को चरितार्थ करते हुए उम्मीदवारों के चयन को लेकर नए अंतरविरोधों से जूझ रही है। जिसमें इन क्षेत्रों के 15-15 और 20-20 पुराने कांग्रेसी नेताओं ने सामूहिकता में आयातित और ऊपर से थोपे जाने वाले उम्मीदवारों का विरोध शुरू कर दिया है। तथा कांग्रेस आलाकमान के समक्ष टिकट के लिए सामूहिक दावेदारी कर कह रहे हैं कि पार्टी इनमें से जिस एक नेता को उम्मीदवार बनाएगी, बाकी नेता मतभेद भुलाकर पूरी ताकत से उसे जिताने के लिए काम करेंगे। हालांकि, इन अंतर्विरोधों को दरकिनार कर, कांग्रेस के रणनीतिकार जल्द सौ विधानसभा सीटों पर सर्वे के आधार प्रत्याशियों के नामों के ऐलान का दावा कर रहे हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश कांग्रेस इस समय प्रदेश के डेढ़ सौ से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों के चयन को लेकर नए तरह के आंतरिक विरोध का सामना कर रही है। इन विधानसभा क्षेत्रों में विरोध का ये झंडा पुराने एवं विशुद्ध कांग्रेसी विचारधारा के उन नेताओं ने उठाया है, जो क्षेत्र में प्रभावशाली होने के साथ जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं और पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। तथा जिन्होंने पिछले बीस सालों से विपक्ष में रहते हुए भी कांग्रेस को अपने क्षेत्र में जिंदा रखा है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश के डेढ़ सौ विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के पुराने कांग्रेस नेता विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में आयातित (भाजपा से आए नेता) और ऊपर थोपे जाने वाले आधारहीन नेताओं के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों के पुराने कांग्रेसी नेताओं ने उम्मीदवारी के लिए 15-15 और 20-20 के नामों की सूची ( जिनमें पूर्व विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष, पार्षद, कांग्रेस पदाधिकारी और वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हैं) बनाकर कांग्रेस हाईकमान और मप्र कांग्रेस की उम्मीदवार चयन समिति को ज्ञापन के साथ सहमति पत्र भेजे हैं। पत्र में कांग्रेस नेताओं ने लिखा है कि सूची के नामों में से पार्टी जिस एक नेता को टिकट देगी है, तो बाकी नेता सामूहिकता के साथ राग-द्वेष भूलकर पूरी ताकत से कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने के लिए काम करेंगे। लेकिन यदि पार्टी ने चुनाव में आयातित (भाजपा से आए) या ऊपर से थोपे गए राजनीतिक आधारहीन नेताओं को टिकट दिया, तो वे सामूहिक रूप से उसका विरोध करेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार चुनाव के पहले पार्टी में उम्मीदवारों के चयन को लेकर उपजे इस नए अंतर्विरोध ने कांग्रेस आलाकमान और पार्टी के रणनीतिकारों के सामने नई मुश्किल खड़ी कर दी है। अब देखना यह है कि, कांग्रेस के रणनीतिकार उम्मीदवारों के चयन को लेकर उपजे इस नए संकट कैसे निपटते हैं।