प्रदेश कांग्रेस कार्यालय हुआ भगवामय, चर्चा का विषय बना संत और धर्माचार्यों का सम्मेलन


समाचार संचार, भोपाल 
मध्यप्रदेश में सत्ता वापसी के प्रयास में जुटी कांग्रेस इस बार भाजपा के हिंदुत्व कार्ड का मुकाबला उसी की रणनीति से करती दिख रही है। आज भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में धर्म संवाद का कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें प्रदेश भर के मठ, मंदिरों के पुजारी और धर्माचार्य शामिल हुए। इस कार्यक्रम के लिए PCC को भगवा रंग के झंडों से सजाया गया था। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इस पर कहा कि भगवा रंग भाजपा का नही है। उन्होंने पूछा भी - कमलनाथ बोले- धर्म का ठेका बीजेपी ने ले रखा है क्या?
धर्म संवाद कार्यक्रम से पहले कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में कहा- धर्म संवाद में पुजारी और धर्माचार्य की मांगों को सुनेंगे। PCC के भगवाकरण के BJP के तंज पर कमलनाथ ने कहा- भगवा क्या BJP का ट्रेडमार्क है या इन्होंने एजेंसी ली है? हम सभी में धार्मिक भावनाएं हैं, लेकिन हम इसे राजनीतिक मंच पर नहीं लाते। जब हम मंदिर जाते हैं, तो BJP के पेट में दर्द क्यों होता है? रामनवमी के जुलूस में देश के कई इलाकों में हुई हिंसा की घटनाओं पर नाथ ने कहा- 2024 में चुनाव हैं, इसीलिए BJP ही शुरुआत करा रही है कि किस तरह समाज में तनाव रहे।
कमलनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी के सुपारी वाले बयान पर कहा- आज देश बेरोजगारी, महंगाई और अव्यवस्था देख रहा है। मोदी जी अगर इसी में खुश हैं कि कांग्रेस ने सुपारी दी, तो क्या कहा जाए। लेकिन, अब जनता कलाकारी की राजनीति में नहीं फंसने वाली। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की विजिट के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को थाने में बैठाने के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। शिवराज सिंह, इनके मंत्री और विधायक बौखला गए हैं। विकास यात्राओं में इनका विरोध हुआ है। इनके पास अब यही हथकंडे बचे हैं।

हम धर्म, जाति के आधार पर राजनीति नही करना चाहते

कार्यक्रम के दौरान कमल नाथ ने कहा कि क्‍या भगवा का ठेका भाजपा ने ले रखा है? मैं हिंदू हूं। विश्व में भारत की आध्यात्मिक शक्ति सबसे बड़ी। नई पीढ़ी सामाजिक मूल्यों से दूर हो रही है। इसे बचाए रखने की जिम्मेदारी आपकी है। इतने त्योहार, धर्म, जाति हम धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करना चाहते। हम चाहते हैं राम मंदिर बने, पर राजनीति के लिए नहीं। धर्म हमारी भावनाओं से जुड़ा है, राजनीति से नहीं। भाजपा आपको परेशान करना चाहती है। वह उन्हीं को पुजारी बनाते हैं, जो उनके कार्यकर्ता हों।

कमल नाथ ने पुजारियों को आश्‍वासन देते हुए कहा कि छह माह में प्रदेश में हमारी सरकार बनेगी और हम आपको छूट देंगे। ठेकेदार-उद्योगपति को भाजपा जमीन देती है, पर पुजारियों को नहीं। सम्‍मेलन के दौरान पुजारियों ने मांग रखी कि प्रदेश में 1974 के पहले की व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए। 1974 के बाद मंदिरों से संबद्ध भूमि में कलेक्टर के नाम दर्ज किए गए हैं।

मठ - मंदिरों के सरकारीकरण का विरोध

आज (रविवार को) PCC में होने वाले धर्म संवाद में मध्यप्रदेश के मठ-मंदिरों के सरकारीकरण को लेकर विरोध दर्ज कराया जाएगा। इसके साथ ही मंदिरों पर सरकारी अफसरों द्वारा लगाई जा रही बंदिशों को रोकने के लिए भी रणनीति पर चर्चा होगी। पिछले कई साल से साधु, संत, पुजारी मंदिरों और धार्मिक क्षेत्रों के सरकारीकरण का विरोध कर रहे हैं। मप्र कांग्रेस पुजारी प्रकोष्ठ की ओर से PCC में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें प्रदेशभर से पुजारी, मठों के महंत, संत बुलाए गए हैं।