पूर्व सांसद चतुर्वेदी की बेटी निधि पर पार्टी ने जताया भरोसा, कर्नाटक की मैसूर सीट की दी जिम्मेदारी

समाचार संचार ब्यूरो चीफ, छतरपुर

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्व राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी की सुपुत्री निधि चतुर्वेदी को बेलगाम संभाग की प्रभारी की ज़िम्मेदारी दी गई पर रातों रात उनका संभाग बदलकर मैसूर कर दिया गया, जहां अब उनको 8 जिलों की 48 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशीयों को जिताने की ज़िम्मेदारी रहेगी। माना जा रहा है कि इस बदलाव का प्रमुख कारण पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या की सीट बदल जाना है।
सिद्धारमैय्या जो कि फिलहाल बेलगाम संभाग के बागलकोट जिले की बादामी विधानसभा सीट से विधायक हैं, माना जा रहा था कि इस बार भी वहीं से चुनाव लड़ेंगे। इसीलिए पार्टी ने निधि चतुर्वेदी को उस संभाग की ज़िम्मेदारी दी थी। क्योंकि अब सिद्धारमैय्या मैसूर संभाग की वरुणा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं और साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा कर दी है कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा, निधि चतुर्वेदी को रातों-रात मैसूर संभाग का प्रभारी बना दिया गया। 
मैसूरु और बेंगलुरु क्षेत्र चुनावों की दशा और दिशा निर्धारित करते हैं और सरकार बनाने या बर्खास्त करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में पार्टी ने सुश्री निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी को ये बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपकर न केवल उनपर अपना भरोसा जताया है बल्कि उनसे ये उम्मीद भी जताई है कि वो अपने संभाग में ज़्यादा से ज़्यादा सीटें कांग्रेस के लिए हासिल करें और खास तौर पर वरुणा विधानसभा में ऐतिहासिक जीत हो और प्रदेश में फिर से कांग्रेस का परचम लहराए।
आपको बता दें कि निधि चतुर्वेदी पार्टी के दिग्गज नेताओं के लिए काम कर चुकी हैं और देश प्रदेश के मुख्य चुनावों में अहम भूमिका भी निभा चुकी हैं। वे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष की ओएसडी (विशेष अधिकारी) के पद पर कार्यरत रहीं हैं जब गुलाम नबी आज़ाद नेता प्रतिपक्ष थे। 2019 के आम चुनावों में निधि ने दोहरी भूमिका निभाई। एक तरफ वे पार्टी की मेनिफेस्टो कमैटी में शामिल रहीं और पी चिदंबरम जैसे दिग्गज नेता के साथ काम किया और दूसरी तरफ उन्होंने पार्टी के मीडिया, सोशल मीडिया और पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के लिए जयराम रमेश और आनंद शर्मा जैसे नेताओं के लिए काम किया। 2020 में हुए मध्य प्रदेश उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निधि चतुर्वेदी पर भरोसा जताकर उन्हें वॉररूम इंचार्ज की अहम ज़िम्मेदारी दी थी। इसके अलावा सुश्री चतुर्वेदी एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) और मध्य प्रदेश पीसीसी में एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में जुड़ी हुई हैं और पार्टी के सभी महत्वपूर्ण आयोजनों और विरोध प्रदर्शनों में नज़र आती हैं। वे भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाती नज़र आई हैं। कर्नाटक, नेता प्रतिपक्ष तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृह राज्य है। ऐसे में खड़गे की ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है की राज्य में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करें। सूत्रों के मुताबिक अगले पांच हफ्तों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की करीब 50 सभाएं होंगी। ऐसे में निधि चतुर्वेदी को एक और अहम ज़िम्मेदारी मिलने का मतलब है शीर्ष नेतृत्व का भरोसा उन पर कायम है और वह इस बुंदेलखंड के युवा चेहरे को धीरे धीरे आगे बढ़ा रहा है। 
देखना दिलचस्प होगा कि निधि चतुर्वेदी पार्टी और जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती हैं। क्या वो एक युवा, ब्राह्मण, महिला नेता के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बनाएंगी या अपने पिता पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी की छाया मात्र बनकर रह जाएंगी।