पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने आज पुलिस मुख्यालय कांफ्रेन्स हॉल से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय वेबिनार का शुभारंभ किया। श्री सक्सेना ने कहा कि सामाजिक न्याय की सुनिश्चितता हमारा संवैधानिक दायित्व है। वंचित वर्गों के प्रति होने वाले अत्याचारों की रोकथाम हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। फरियादी से संवेदनशील व्यवहारकर प्रभावी कार्यवाही करें ताकि आमजन के मन में विश्वास और आस्था निर्मित हो कि उसे न्याय अवश्य मिलेगा। उत्कृष्ट विवेचना के साथ-साथ राहत प्रकरणों का भी त्वरित निराकरण करें। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के लिये शासन की बहुत सारी योजनाएं है उनकी जानकारी रखें तथा इस वर्ग के लोगों तक पहुँचाएं ताकि अधिकाधिक लोग लाभांवित हो सकें। डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि ऐसी घटनाओं के लिये चिह्न्ति हॉट स्पॉट एरिया में जन चेतना शिविरों का आयोजन करें ताकि सामाजिक समरसता का माहौल निर्मित हो। हमारी सफलता तभी है जब हम इन हॉट स्पॉट को व्यापक जनचेतना तथा जन सहयोग से सामान्य क्षेत्रों में परिवर्तित कर सकें। उन्होंने कहा कि हॉट स्पॉट एरिया विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में आसूचना संकलन पर विशेष ध्यान देकर अपराध घटित होने के पहले ही निरोधात्मक उपाय करें। विवेचना के दौरान स्पष्ट साक्ष्य संकलित करें तथा संबंधित कानून का स्पष्ट एवं अद्यतन ज्ञान रखें।
डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि यह कार्यशाला सभी प्रतिभागियों के लिये बहुत ही उपयोगी होगी। उन्होंने अपेक्षा करते हुए कहा कि इससे अपनी व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाकर उत्कृष्ट कार्यवाही कर पुलिस की छवि में और सुधार लाएं। हम सभी पूरी संवेदशीलता, सजगता और समर्पण के साथ न्याय के लिए अच्छा कार्य करते रहें। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला कमजोर वर्ग के प्रति आपकी सवेंदनशीलता को बढ़ाकर आपको और अधिक क्षमतावान बनाने में सहायक होगी और आपका उत्कृष्ट कार्य पुलिस की छवि और अच्छी बनाएगा। उन्होंने कहा कि साक्षी संरक्षण योजना के तहत पहले प्रत्येक जिले से प्रति माह दो अपराध इस योजना के तहत चिन्हित किए जाते है। अब संख्या के आधार पर इस योजना में अपराधों का चयन किया जाएगा। हॉट स्पॉट क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करे तथा स्थानीय अधिकारियों से समन्व्यय व सतत् संपर्क कर इन क्षेत्रों में अपराधों को रोकने के लिए लगातार प्रयास करते रहें। अपराधों को रोकना ही हमारी सफलता है। इसके लिए शिविर और सेमिनार कराएं। इस वर्ग के पीडि़त व्यक्तियों को नियमानुसार राहत राशि जितना जल्दी हो सके प्रदान कराएं। राहत राशि से संबंधित कोई भी समस्या होने पर मुख्यालय स्तर को सूचित करें जिससे उसका शीघ्र ही निराकरण किया जा सकें। इस वर्ष अपराधों की दोषसिद्धि का प्रतिशत बढ़ा है। इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूँ और अपेक्षा करता हूँ कि कानून और कानून की प्रक्रिया में जो संसोधन होता है उसका पालन करते हुए उससे सभी को अवगत कराते रहें।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजाक राजेश गुप्ता ने दो दिवसीय वेबिनार में होने वाली गतिविधियों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह आयोजन साल में दो बार होता है। इसका उद्देश्य कमजोर वर्गों के प्रति विवेचक अधिकारियों की संवेदनशीलता बढ़ाने के साथ-साथ विधि में परिवर्तन और न्यायालयीन निर्णयों से अपडेट करने के साथ ही उत्कृष्ट विवेचना के प्रकरणों पर परिचर्चा आदि है। इस वेबिनार में लगभग सौ प्रतिभागी जुड़े हैं। ये सभी विषय विशेषज्ञों से परस्पर संवाद कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे। आज सहायक पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण पुलिस मुख्यालय श्री मलय जैन अजा/अजजा वर्ग के लोगों के प्रति संवेदनशीलता-एक आवश्यकता तथा सेवानिवृत्त निदेशक, डॉ डी.के. सतपती ने घटना स्थल का संरक्षण एवं भौतिक साक्ष्य संकलन विषय पर चर्चा करते हुए विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन सहायक पुलिस महानिरीक्षक अजाक नीरज चौरसिया ने तथा आभार प्रदर्शन सहायक पुलिस महानिरीक्षक अजाक श्रीमती दीपाली जैन ने किया।