तकनीक के प्रयोग से विवेचना में आई पारदर्शिता, पीड़ितों को मिल रहा न्याय : पुलिस आयुक्त मिश्र 23 से 25 मार्च तक पुलिस ऑफिसर्स मेस, पुलिस मुख्यालय में जीवा कार्यशाला का आयोजन

पुलिस संवाददाता समाचार संचार , भोपाल
 द प्रैकेडमिक एक्शन रिसर्च इनिशिएटिव फॉर मल्टीडिसिप्लिनरी एप्रोच लैब (परिमल) और जस्टिस इंक्लूशन एंड विक्टिम एक्सेस (जीवा) के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय जस्टिस इंक्लूशन एंड विक्टिम एक्सेस (जीवा) वार्षिक कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।पहले दिन की एक्सेस टू जस्टिस, इंक्लूशन एंड एविडेंस बेस्ड प्रेक्टिस थीम के अंतर्गत “जेंडर, लॉ इंफोर्समेंट एंड एविडेंस बेस्ड प्रेक्टिस विषय पर विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।  महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पर केंद्रित रहा। अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क एवं संचालन के संबंध में शोधपत्र प्रस्तुत किए। वहीं चार पुलिस अधिकारियों को जीवा सम्मान से सम्मानित किया गया। पुलिस मुख्यालय स्थित पुलिस ऑफिसर्स मेस के पारिजात हॉल में आयोजित इस कार्यशाला के उद्धघाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि विधि एवं विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव बी.के. द्विवेदी और अध्यक्षता भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने की।  

प्रमुख अतिथियों में सीबीआई और मप्र पुलिस के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक ऋषि शुक्ला, आईजी (एडमिनिस्ट्रेशन)  दीपिका सूरी, आईपीएस सुष्मा सिंह, राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी की प्रो.गीता ओबेराॅय, जे-पल व युनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया के प्रोफेसर संदीप सुखंतकर एवं प्रोफेसर गेब्रियला, जे-पल व यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के प्रोफेसर अक्षय मंगला उपस्थित रहे। संचालन परिमल के सचिव एवं डीसीपी डॉ. विनीत कपूर ने किया। पी

न्याय की लड़ाई में तकनीक ने लाई पारदर्शिता : पुलिस आयुक्त

भोपाल पुलिस आयुक्त  हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में रहते हैं। उस लोकतंत्र का सही भाव तभी सामने आ सकता है जब न्याय का प्रवाह, न्याय का प्रकाश अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। इस पर हम लगातार प्रयास तो करते हैं, लेकिन मौलिक चिंतन की आवश्यकता भी है। यह इस लड़ाई और यात्रा को आगे लेकर जाएगा। हमारे जीवन में तकनीक का जो प्रवेश हुआ है उसने न्याय की लड़ाई को धार दी है, पारदर्शिता दी है। महिलाओं ने जुड़े अपराधों को रोकने में तकनीक का काफी लाभ हुआ है। इसी तरह डायल 100 में जो कॉल आते हैं, हम पाते हैं कि ये किसी विशेष क्षेत्र से होते हैं, हम इनकी मैपिंग कर ऐसे इलाकों को चिह्नित कर सकते हैं और इन पर निगरानी रख सकते हैं। पुलिस अपने संसाधनों और तकनीक का प्रयोग ऐसे स्थानों पर कर सकती है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। पुलिस कई बार अपनी वैधानिक परिधि से बाहर आकर भी समाज में अपना योगदान देती है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को न्याय दिलाने में पुलिस अपनी इसी परिधि से बाहर आकर कार्य कर रही है। पुलिस ने हेल्प डेस्क स्थापित की हैे और इसका सीधा लाभ नागरिकों को हो रहा है। पुलिस ना केवल नागरिकों के सामाजिक मुद्दों को सुलझा रही है बल्कि उपेक्षा के शिकार और आर्थिक संकट से उबारने में भी मदद कर रही है।