11 दिन से रोज 15.70 लाख वाहन नहीं उतरे सड़क पर, असर-हिमालय की तराई जैसी शुद्ध हाे गई आबाेहवा

लॉकडाउन में सड़काें पर इक्का- दुक्का वाहन नजर अा रहे हैं। शहर में करीब साढ़े 16 लाख दो और चार पहिया वाहन हैं। जब से लॉकडाउन हुआ है तब से करीब 80 हजार ही सड़कों पर उतर रहे हैं। ऐसे शहर की हवा शुद्ध हुई है। यह कहना है पर्यावरणविद् सुभाष सी पांडेय का।


पांडेय का कहना है कि शहर में कम वाहन चलने से यहां की  हवा हिमालय की तराई जैसी शुद्ध हाे गई। वे न्यूजीलैंड से बुलवाई गई डिवाइस लेकर शुक्रवार को हवा की शुद्धता मापने निकले थेे। पांडेय ने बताया कि जांच के दाैरान हवा में पीएम 2.5 यानी छाेटे कण 13 अाैर पीएम 10 यानी बड़े कण 23 माइक्राेग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हाेना पाया गया। एनओ-2 यानी नाइट्राेजन डाइअाॅक्साइड 5 हाेना पाया गया। पांडे बताते हैं कि जांच करने पर एअर क्वालिटी इंडेक्स(एक्यूआई) 23 मिला। यह स्थिति हिमालय की तराई में ही पाई जाती है। कोलार रोड पर जब प्रदूषण की जांच की गई तो पीएम 2.5 13 अाैर पीएम 10 23 माइक्राेग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हाेना पाया गया।


पांच फीसदी पेट्रोल- डीजल ही बिक रहा है अब
मप्र पेट्राेल पंप ऑनर्स एसाेसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि शहर में आम दिनाें की तुलना में लाॅक डाउन में बिक्री सिर्फ पांच फीसदी रह गई है। आम दिनाें में राेजाना 10 लाख लीटर डीजल और 8 लाख लीटर पेट्राेल की बिक्री हाेती थी। अब राेजाना 50 हजार लीटर डीजल और 40 हजार लीटर पेट्राेल ही बिक रहा है। सिंह के मुताबिक पांच फीसदी बिक्री के मान से शहर की सड़काें पर 16.50 लाख में से 80 हजार वाहन ही चल रहे हैं। इनमें से अाधे यानी करीब 40 हजार सरकारी वाहन शामिल हैं। बाकी निजी वाहन हैं।